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जब से बिछुड़े हो, ठंडी हवा कौन दे,
अब तो माँ भी नहीं है दवा कौन दे ।
ज़िन्दगी भर जो हमने खतायें हैं की,
अब तरसते हैं हमको सज़ा कौन दे ।
ज़ख़्म गहरे हैं राहत से अनजान हैं,
अब तुम्हारे सिवा ये भला कौन दे ।
शूल दिखते नहीं थे कभी तब हमें,
कुछ सुझाओ इन्हें अब हटा कौन दे ।
रोज़ ढूंढा किये हम सुनों कम से कम,
ये बता दो तुम्हारा पता कौन दे ।
जी रहे हैं तुम्हारे ही लफ़्ज़ों पे हम,
जीत पर अब हमारी दुआ कौन दे ।
कोई ऐसा मिले उनकी यादों में अब,
देखते हैं हमें, अब हरा कौन दे ।
------हर्ष महाजन 'हर्ष'
212 212 212 212
"तुम अगर साथ देने का वादा करो"
सच
ReplyDeleteअब इस उम्र में भला अब राहत कौन दे ।
:)
Deleteआपकी आमद का बहुत बहुत शुक्रिया ।
सादर