Friday, January 7, 2022

जब कभी दिल किसी का दुखाया करो




जब कभी दिल किसी का दुखाया करो,
दो कदम ग़म के भी तो बढ़ाया करो ।

सिरफिरा भी कहे गर वो पागल भी फिर,
ऐसे नख़रे भी फिर तुम उठाया करो ।

जो कहा ही नहीं, उसने वो भी सुना,
फिर तो किस्मत पे आँसू बहाया करो ।

उम्र भर तुम ख़ताओं में मशगूल थे,
अपने दिल को भी ये तुम बताया करो ।

बेवफा निकली वो फिर कहा उसने ये,
धीरे-धीरे उसे तुम भुलाया करो ।

ग़म का है या खुशी का मगर कुछ तो है,
ये सफ़ऱ ज़िन्दगी का निभाया करो ।

जब चले जिक्र तेरा किसी बज़्म में,
दिल धड़कता तेरा भी सुनाया करो ।

हर्ष महाजन 'हर्ष'
212 212 212 212

5 comments:

  1. अच्छी गजलें, हर्ष जी! साधुवाद१--ब्रजेंद्रनाथ

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    1. बहुत बहुत शुक्रियां आदरनीय ।

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  2. उम्दा अस्आर हर शेर लाजवाब।
    बहुत बहुत सुंदर।

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    1. बहुत बहुत शुक्रियां आदरनीय ।

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  3. शुक्रिया कामनी जी ।

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