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मुझे नाज़ है तू नसीब है,
मेरी ज़िन्दगी के करीब है |
मुझे नाज़ है तू नसीब है,
मेरी ज़िन्दगी के करीब है |
तुझे इतनी भी तो खबर नहीं,
मेरा इश्क तुझसे अजीब है |
मैं तो छोड़ दूं ये जहां अगर,
कोई ओर तेरा हबीब है |
तिरे गम से गर मैं जुदा हुआ,
न तू ये समझना नसीब है |
मेरा दिल बहुत है उदास अब,
ज्यूँ हो सर पे मेरे सलीब है |
हर्ष महाजन
122-122-1212
मेरा इश्क तुझसे अजीब है |
मैं तो छोड़ दूं ये जहां अगर,
कोई ओर तेरा हबीब है |
तिरे गम से गर मैं जुदा हुआ,
न तू ये समझना नसीब है |
मेरा दिल बहुत है उदास अब,
ज्यूँ हो सर पे मेरे सलीब है |
हर्ष महाजन
122-122-1212
एक-एक मिसरा काबिले तारीफ।बहुत खूब सर ! बहुत खूब।
ReplyDeleteRajesh kumar Rai जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका....!!
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