...
मन
के साए से तुझे खुद ही रिहा कर दूंगा,
मेरा वादा है तुझे दिल से जुदा कर दूंगा |
कैसे चाहत का तेरी दिल से कतल कर दूं मैं
मेरा वादा है तुझे दिल से जुदा कर दूंगा |
कैसे चाहत का तेरी दिल से कतल कर दूं मैं
तूने
चाहा तो अगर ये भी खता कर दूंगा |
मेरी आँखों से तू टपकेगा कभी बन के दर्द,
मुस्करा के तेरी खुशियों को हवा कर दूंगा |
सरहदों पर है अगर दिल के अँधेरा भी बहुत,
दिल में आतिश सी जलाकर मैं दिया कर दूंगा |
यूँ तो हर शख्स का है अपना मुक़द्दर लेकिन,
रिश्ता गर तुझसे जुड़ेगा मैं रिहा कर दूंगा |
हर्ष महाजन
मेरी आँखों से तू टपकेगा कभी बन के दर्द,
मुस्करा के तेरी खुशियों को हवा कर दूंगा |
सरहदों पर है अगर दिल के अँधेरा भी बहुत,
दिल में आतिश सी जलाकर मैं दिया कर दूंगा |
यूँ तो हर शख्स का है अपना मुक़द्दर लेकिन,
रिश्ता गर तुझसे जुड़ेगा मैं रिहा कर दूंगा |
हर्ष महाजन
(रमल मुसम्मन मखबून मह्जुफ़ मकतू )
2122-1122-1122-22
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