Tuesday, July 21, 2015

जब कासिदों के संग दिखेगा अपना दीवाना

...

कलयुग में खूब बिकेगा वो ईमान ही होगा,
इंसान का दुश्मन......यहाँ इंसान ही होगा |

दलदल बनेंगे रिश्ते....हर पोशाक पर पैबंद,
दिल खुद का देखें हम तो बेईमान ही होगा |

जब कासिदों के संग दिखेगा अपना दीवाना,
दुश्मन यहाँ दुश्मन का...कदरदान ही होगा |

आतंकियों की देश में अब जात नहीं होती,
अब दोस्तों मत कहना मुसलमान ही होगा |

बुजदिल करेंगे राज़.......राजदार नहीं होंगे.
नफरत यहाँ पर हर तरफ तूफ़ान ही होगा |

हर्ष महाजन

No comments:

Post a Comment