बीती है किस तरह से कहूँ अजनबी के साथ,
खेला हो खेल जैसे मेरी ज़िंदगी के साथ ।
खेला हो खेल जैसे मेरी ज़िंदगी के साथ ।
ऐसे नसीब का तू बता खुद भी क्या करूँ,
जो दे रहा सलाम मुझे बेरूखी के साथ ।
वो शख्स चल दिया है मेरा बन के हमसफर,
होते रहे थे हादसे जिस आदमी के साथ ।
शिकवे गिले भी खूब रहे मुझको नसीब से,
है इल्तिज़ा ख़ुदाया न हो ये किसी के साथ ।
आया नहीं था मुझको कभी इतना सा हुनर,
रोता फिरूँ मैं खुशियों में भी बेबसी के साथ ।
किस-किस तरह से आ गिरी रिश्तों पे बिजलियाँ,
टूटा था रिश्ता मेरा मगर सादगी के साथ ।
रिश्ता यूँ रक्खा ताक पे उसने भी इस तरह,
गुजरी हो अजनबी की जैसे अजनबी के साथ ।
हर्ष महाजन 'हर्ष'
221 2121 1221 212
"मिलती है ज़िन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी"
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 27 दिसम्बर 2021 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
मेरी रचना को "पाँच लिंकों का आनन्द पर" में स्थान देने के लिए धन्यवाद
Deleteहर एक शेर लाजवाब । बहुत उम्दा गज़ल ।
ReplyDeleteबेहद शुक्रिया जिज्ञासा जी
Deleteकिस-किस तरह से आ गिरी रिश्तों पे बिजलियाँ,
ReplyDeleteटूटा था रिश्ता मेरा मगर सादगी के साथ ।
वाह! लाजवाब...
आआपकि आमाद के लिए धन्यवाद
Deleteकिस-किस तरह से आ गिरी रिश्तों पे बिजलियाँ,
ReplyDeleteटूटा था रिश्ता मेरा मगर सादगी के साथ ।
रिश्ता यूँ रक्खा ताक पे उसने भी इस तरह,
गुजरी हो अजनबी की जैसे अजनबी के साथ ।
वाह , हर शेर उम्दा ।।लाजवाब ग़ज़ल ।
बेहद शुक्रया आदरनीय
Deleteबीती है किस तरह से कहूँ अजनबी के साथ,
ReplyDeleteखेला हो खेल जैसे मेरी ज़िंदगी के साथ ।
वाह!हर शेर लाजवाब 🙏
किस-किस तरह से आ गिरी रिश्तों पे बिजलियाँ,
ReplyDeleteटूटा था रिश्ता मेरा मगर सादगी के साथ ।
मार्मिक।
बेहतरीन
ReplyDeleteबेहतरीन ग़ज़ल, हर शेर मुकम्मल हर शेर लाजवाब।
ReplyDeleteशिकवे गिले भी खूब रहे मुझको नसीब से,
ReplyDeleteहै इल्तिज़ा ख़ुदाया न हो ये किसी के साथ ।
बेहद खूबसूरत पंक्तियां, लाजबाव सृजन
किस-किस तरह से आ गिरी रिश्तों पे बिजलियाँ,
ReplyDeleteटूटा था रिश्ता मेरा मगर सादगी के साथ ।
बहुत ही सुन्दर गजल
सभी शेर बहुत उम्दा
वाह!!!
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार(28-12-21) को मेहमान कुछ दिन का अब साल है"(चर्चा अंक4292)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
--
कामिनी सिन्हा
हर एक शेर अव्वल ।
ReplyDeleteगज़ब कर दिया भाई साब
वाह।
...खुशियो में भी बेबसी के साथ... कमाल है भी कमाल।
बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteलाजवाब सृजन ।
ReplyDeleteआप सभी के खूबसूरत अल्फासों के लिए बेहद शुक्रिया ।
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