Monday, June 13, 2022

अगर दूसरा प्यार छूकर गया है

 

अगर दूसरा प्यार छूकर गया है,
समझना हया का वो पर्दा उठा है ।

ज़ुबां पर भी चर्चे यूं होंगे जहां में,
यूं देखोगे तंजो से हर दिल भरा है ।

बहुत चाहोगे दिल से तुम गुनगुनाना,
मगर देखोगे साज टूटा पड़ा है ।

यूं निकलेंगे दिल से जो गम के फसाने,
लगेगी तुम्हें ज़िंदगी इक सज़ा है ।

बुलंदी मिलेगी मुहब्बत में लेकिन,
लगेगा ये इल्जाम तू बेवफ़ा है ।

हर्ष महाजन 'हर्ष'

122 122 122 122
"तेरे प्यार का आसरा चाहता हूं"


No comments:

Post a Comment