Friday, May 7, 2021

अपनी कोई भी पुरानी चीज़ उठाकर देखिये


★★★


अपनी कोई भी पुरानी चीज़ उठाकर देखिये,

लुत्फ कितना आएगा बस आज़माकर देखिये ।


ज़िन्दगी में रंग कितने यूँ समझ में आएगा,

कोई भी नग्मा पुराना ख़ुद ही गाकर देखिये ।


मिल सकेगा तुमको भी लाखों दिलों का प्यार यूँ ,

बस किसी के जख्मों को मरहम लगाकर देखिये ।


कैसे अश्क़ों से भरा है आजकल हर आदमी,

हो सके काँधे पे उसका सर टिकाकर देखिये ।


हँसते हैं जो लोग किसी की मौत पर यूँ ही अबस,

कह दो कोई सपनों में अपना गँवाकर देखिये ।


---हर्ष महाजन 'हर्ष'

2122 2122 2122 212


★★आपकी नज़रों ने समझा प्यार के काबिल मुझे★★

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