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मुझको जीने का खुदा आके सलीका दे दे
हूँ मुहब्बत में कोई आके तरीका दे दे ।
मुझको जीने का खुदा आके सलीका दे दे
हूँ मुहब्बत में कोई आके तरीका दे दे ।
प्यार जिससे है मुझे उसके फ़साने
हैं बहुत
ऐ खुदा चुपके से
ज़ख्मों का ज़खीरा दे दे ।
जाने दुनिया ने क्यूँ
झाँका मेरे दिल में यूँ ही
राज़ कोई तो मुहब्बत का लचीला दे दे |
कर दिया उसने कतल फिर भी मैं टुकड़ों में जिया,
राज़ कोई तो मुहब्बत का लचीला दे दे |
कर दिया उसने कतल फिर भी मैं टुकड़ों में जिया,
अर्ज़ इतनी है खुदा
दिल भी फकीरा दे दे ।
रात दिन मुझको सताये है वो बनके
साया,
जा बसूं दिल में मैं उसके वो सलीका दे दे |
हर्ष महाजन
जा बसूं दिल में मैं उसके वो सलीका दे दे |
हर्ष महाजन
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