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दुनियाँ है बदली-बदली कुछ मैं भी बदल गया,
इक दिल था जो इंसान में....जाने किधर गया ।
छोड़ा भँवर में उसने जब ताज्जुब तो तब हुआ,
जिसके लिए हर जंग में......मैं खुद उतर गया ।
पत्थर लिए अब घूमता......हर शख्स बदज़ुबां,
इंसान का इंसान से...........रिश्ता बिखर गया ।
यूँ हर तरफ आतंक और...........गुनाह देखकर,
इक जूझता इंसान मुझमें..........आज मर गया ।
दहशत भरे माहौल का........अब देखिये असर,
रौशन हुआ दीया तो समझे...घर ही जल गया ।
----------------------हर्ष महाजन
2212 2212 2212 12
दुनियाँ है बदली-बदली कुछ मैं भी बदल गया,
इक दिल था जो इंसान में....जाने किधर गया ।
छोड़ा भँवर में उसने जब ताज्जुब तो तब हुआ,
जिसके लिए हर जंग में......मैं खुद उतर गया ।
पत्थर लिए अब घूमता......हर शख्स बदज़ुबां,
इंसान का इंसान से...........रिश्ता बिखर गया ।
यूँ हर तरफ आतंक और...........गुनाह देखकर,
इक जूझता इंसान मुझमें..........आज मर गया ।
दहशत भरे माहौल का........अब देखिये असर,
रौशन हुआ दीया तो समझे...घर ही जल गया ।
----------------------हर्ष महाजन
2212 2212 2212 12