-------------नज़्म ( डोली )
मुझको कल रात खूब याद आई तेरी,
डोली अरमानों से थी.....सजाई तेरी ।
खुश थे हम भी मगर अश्क़ ले आँखों में,
हँसते रोते जो की थी......बिदाई तेरी ।
उस तरफ ढोल बाजे......नगाड़े बहुत,
पर यहां सूनी गलियां....ओ माई तेरी ।
दूर तक जाते तूने........जो देखा मुझे,
पल वो दादी बहुत.....याद आई तेरी ।
यूँ ही कागज़ पे आंसू ....बहाये बहुत,
मैंने जब-जब थी गुड़िया ..उठाई तेरी ।
ख्वाब टूटा तो दिल पे था बोझ लिये,
बिखरी तस्वीेर आँखों में.....छाई तेरी ।
टूटे ख़्वाबों ने इतना बताया मुझे,
मैंने बचपन की यादें छुपाई तेरी ।
मेरे दिल से जुदा हो न पाई कभी,
घर की अलमारियों पे लिखाई तेरी ।
तुझको भूले से कुछ हो न जाए कभी,
अब खुदा से भी कर ली दुहाई तेरी ।
दर्द आँचल से थोड़ा गिरा अब ज़रा,
दूर पापा तेरे संग.........है आई तेरी ।
ये नज़म लिखते ही इतना रोया हूँ मैं,
साथ गुड़ियों के रातें बिताई तेरी ।
डोली अरमानों से थी.....सजाई तेरी,
मुझको कल रात खूब याद आई तेरी ।
------------हर्ष महाजन
बहर
212 212 212 212
1)"आपकी याद आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कराती रही रात भर"
2) "खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी"
मुझको कल रात खूब याद आई तेरी,
डोली अरमानों से थी.....सजाई तेरी ।
खुश थे हम भी मगर अश्क़ ले आँखों में,
हँसते रोते जो की थी......बिदाई तेरी ।
उस तरफ ढोल बाजे......नगाड़े बहुत,
पर यहां सूनी गलियां....ओ माई तेरी ।
दूर तक जाते तूने........जो देखा मुझे,
पल वो दादी बहुत.....याद आई तेरी ।
यूँ ही कागज़ पे आंसू ....बहाये बहुत,
मैंने जब-जब थी गुड़िया ..उठाई तेरी ।
ख्वाब टूटा तो दिल पे था बोझ लिये,
बिखरी तस्वीेर आँखों में.....छाई तेरी ।
टूटे ख़्वाबों ने इतना बताया मुझे,
मैंने बचपन की यादें छुपाई तेरी ।
मेरे दिल से जुदा हो न पाई कभी,
घर की अलमारियों पे लिखाई तेरी ।
तुझको भूले से कुछ हो न जाए कभी,
अब खुदा से भी कर ली दुहाई तेरी ।
दर्द आँचल से थोड़ा गिरा अब ज़रा,
दूर पापा तेरे संग.........है आई तेरी ।
ये नज़म लिखते ही इतना रोया हूँ मैं,
साथ गुड़ियों के रातें बिताई तेरी ।
डोली अरमानों से थी.....सजाई तेरी,
मुझको कल रात खूब याद आई तेरी ।
------------हर्ष महाजन
बहर
212 212 212 212
1)"आपकी याद आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कराती रही रात भर"
2) "खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी"