मिट्टी की सोंधी खुशबू मिलेगी जिधर,
गीत हम धड़कनों पे सुना दें उधर ।
गीत हम धड़कनों पे सुना दें उधर ।
तुम चले आना दिल जब भी मचले तेरा,
खोल देंगे मुहब्बत से अपना जिगर ।
हक मुहब्बत का हमने अदा कर दिया,
तुम दिखा दो हमें अब तो अपना हुनर ।
नेक राहों पे चल के है खोया बहुत,
अब बता दो हमें अब कि जाएं किधर ।
जब भी आओगे तुम देना दस्तक हमें,
प्यार से इक ग़ज़ल गा देंगे हम इधर ।
हर्ष महाजन 'हर्ष'©
212 212 212 212
वाह ...
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत गज़ल ... सादा शब्द और सुन्दर बहर ...
बहुत बहुत शुक्रिया नासवा जी
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 22 दिसंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जब भी आओगे तुम देना दस्तक हमें,
ReplyDeleteप्यार से इक ग़ज़ल गा देंगे हम इधर ।
लाजवाब ग़ज़ल
बहुत सुंदर ग़ज़ल।
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया ।
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