ग़ज़ल
रूठी है ज़िन्दगी तो मुक़द्दर बदल गए ,
दुनियाँ के भी हों जैसे ये तेवर बदल गए ।
दीवार-ओ-दर में खुश था जहाँ तुम थे साथ पर,
कब नींव के न जाने ये पत्थर बदल गए ।
जिनके भी साये में रहे हम उम्र भर जहाँ,
अब क्यूँ सभी शज़र वो वहॉं पर बदल गए ।
रक्खा किये थे जिनको यूँ शानों पे हर जगह,
दिल के करीब शख्स वो अंदर बदल गए ।
रिश्तों में रक्खा बैर सदा उसने इस तरह,
नदियों में बंट के फिर वो समंदर बदल गए ।
हर्ष महाजन 'हर्ष'
221 2121 1221 212
●मिलती है ज़िन्दगी में मुहब्बत कभी कभी
●पहले तो अपने दिल की रजा जान जाइए |
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 9 फरवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्
Bahut bahut shukriya pammi ji
Deleteहर शेर लाजवाब। शानदार गजल ।
ReplyDeleteदिली धन्यवाद आपका । उम्मीद करता हूँ आप आइंदा भी होंसिला अफजाई के लिए आते रहेंगे ।
Deleteवाह ।।पता नहीं लोग बदलते हैं या खुद का नज़रिया .... पर कुछ तो बदलता है ।
ReplyDeleteखूबसूरत ग़ज़ल ।।
दिली धन्यवाद आपका । उम्मीद करता हूँ आप आइंदा भी होंसिला अफजाई के लिए आते रहेंगे ।
Deleteबेहतरीन ग़ज़ल।
ReplyDeleteरक्खा किये थे जिनको यूँ शानों पे हर जगह,
ReplyDeleteदिल के करीब शख्स वो अंदर बदल गए ।
वाह!!!
लाजवाब गजल
एक से बढ़कर एक शेर।
बहुत ही शानदार गजल
ReplyDeleteज़र्रानावाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया आपका । उम्मीद करता हूँ आपकी प्रतिक्रिया मुसलसल मिलती रहेगी ।
Deleteसादर
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जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज शुक्रवार (११ -०२ -२०२२ ) को
'मन है बहुत उदास'(चर्चा अंक-४३३७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
ज़र्रानावाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया आपका । उम्मीद करता हूँ आपकी प्रतिक्रिया मुसलसल मिलती रहेगी ।
Deleteसादर
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वाह .. बेहतरीन शेरोन का गुलदस्ता ... लाजवाब गज़ल ...
ReplyDeleteज़र्रानावाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया आपका । उम्मीद करता हूँ आपकी प्रतिक्रिया मुसलसल मिलती रहेगी ।
Deleteसादर
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क्या बात है ! नमस्ते.
ReplyDeleteबेहतरीन शेर
ReplyDeleteगज़ब की ग़ज़ल बन पड़ी। वाह
नई पोस्ट- CYCLAMEN COUM : ख़ूबसूरती की बला
ज़र्रानावाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया आपका । उम्मीद करता हूँ आपकी प्रतिक्रिया मुसलसल मिलती रहेगी ।
Deleteसादर
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सुन्दर ग़ज़ल
ReplyDeleteआपकी पसंदंगी के लिए दिली धन्यवाद आपका । ये आपका नज़रिया है जो मेरे लफ़्ज़ों में उतार आता है आदरनीय । उम्मीद करता हूँ आप आइंदा भी होंसिला अफजाई के लिए आते रहेंगे ।
Deleteदिली धन्यवाद आपका । उम्मीद करता हूँ आप आइंदा भी होंसिला अफजाई के लिए आते रहेंगे ।
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