...
हो रहे जो हादसे ये बात कुछ तो ज़रूर है,
आदमी जो आम है वो हर तरह बे-कसूर है |
कर रहे बदनामियाँ फिर बिन अदालत फैसला,
शख्स जिनपर हो सज़ा इस हादसे से दूर है |
बस्तियों में जल रहे हैं कागजों के वो मकां ,
दर्द अब जिसपे लिखा वो आदमी बे-कसूर है |
खो चुका वो अब भरोसा क्या खुदा औ नाखुदा
शख्स अब भी चुप खड़ा उसे हर सज़ा मंजूर है |
झूठ के पैबंद लगे हैं ‘हर्ष’ अब पोशाक पर
आदमी जिसपे लगें वो आदमी मशहूर है |
हर्ष महाजन
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