...
मुझे नाज़ है तू नसीब है,
मेरी ज़िन्दगी के करीब है |
तुझे इतनी भी तो खबर नहीं,
मेरा इश्क तुझसे अजीब है |
मैं तो छोड़ दूं ये जहां अगर,
कोई ओर तेरा हबीब है |
तिरे गम से गर मैं जुदा हुआ,
न तू ये समझना नसीब है |
.
मेरा दिल बहुत है उदास अब, ,
ज्यूँ हो सर पे मेरे सलीब है |
हर्ष महाजन
122 122 1212
मुझे नाज़ है तू नसीब है,
मेरी ज़िन्दगी के करीब है |
तुझे इतनी भी तो खबर नहीं,
मेरा इश्क तुझसे अजीब है |
मैं तो छोड़ दूं ये जहां अगर,
कोई ओर तेरा हबीब है |
तिरे गम से गर मैं जुदा हुआ,
न तू ये समझना नसीब है |
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मेरा दिल बहुत है उदास अब, ,
ज्यूँ हो सर पे मेरे सलीब है |
हर्ष महाजन
122 122 1212
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