...
कैसा है अब शोर यहाँ पर दिखते हैं घबराए लोग,
ढूँढा करते प्यार यहाँ पर सदियों से ठुकराए लोग |
बिक जाते ईमान यहाँ पर बिक जाती हैं नीयत भी,
ज़र्रा-ज़र्रा लूटा हमसे जब-जब मिलने आये लोग |
ख़त्म हुए हैं जज्बे दिल के ख़तम हुए सारे अहसास,
अपने ही कांधों पर फिरते अपनी लाश उठाये लोग |
हर इंसान के दिल में उठता प्यार का इक ऐसा तूफ़ान,
जिसके बहाने जी पाते हैं हम जैसे पथराये लोग |
कैसा है अब शोर यहाँ पर दिखते हैं घबराए लोग,
ढूँढा करते प्यार यहाँ पर सदियों से ठुकराए लोग |
बिक जाते ईमान यहाँ पर बिक जाती हैं नीयत भी,
ज़र्रा-ज़र्रा लूटा हमसे जब-जब मिलने आये लोग |
ख़त्म हुए हैं जज्बे दिल के ख़तम हुए सारे अहसास,
अपने ही कांधों पर फिरते अपनी लाश उठाये लोग |
हर इंसान के दिल में उठता प्यार का इक ऐसा तूफ़ान,
जिसके बहाने जी पाते हैं हम जैसे पथराये लोग |
कफन
अधूरा लकड़ी अधूरी अधूरा अपनों का ईमान,
चिता से उठती आग से देखो घर का दीप जलायें लोग |
© हर्ष महाजन
एक पुरानी कृति
चिता से उठती आग से देखो घर का दीप जलायें लोग |
© हर्ष महाजन
एक पुरानी कृति
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