Wednesday, June 29, 2016

मेरे हबीब मुझमें आज क्या तलाशते

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मेरे हबीब मुझमें आज क्या तलाशते,
मेरा वजूद हो गया खुदा के वास्ते

अभी तलक किये कतल जुबां के रास्ते,
उठेंगे अबकि हाथ बस दुआ के वास्ते |

रहम नहीं लोगों में अब फंसी है ज़िंदगी,
यूँ भी तो होंठ सी लिए सदा के वास्ते |

चलेगी कब तलक ये मुक्तिसर सी ज़िंदगी,
जुटा लिए हैं फूल कुछ खिजाँ के वास्ते |

नहीं है डर ऐ ‘हर्ष’ अब हमें तो मौत का,
क़ज़ा भी कम लगे है अब सज़ा के वास्ते |


हर्ष महाजन

1212-1212-1212-12
(Non Standard )

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