यूँ ही ज़िंदगी पर असर देख लेना,
कॅरोना का अब तुम गदर देख लेना ।
कॅरोना का अब तुम गदर देख लेना ।
तबाही का आलम चलाया है जिसने,
नए साल उसका हुनर देख लेना ।
न अपनी खबर है न दुनियाँ की चिंता,
सियासत के वादे इधर देख लेना ।
यही सिलसिला अब यूँ चलता रहेगा,
गदर करने वालों का सफ़ऱ देख लेना ।
है इतनी शिकायत मुझे अब खुदा से,
अँधेरों में जाएँ किधर देख लेना ।
हर्ष महाजन 'हर्ष'
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